Kamal Haasan On Hindi Language Row: अभिनेता कमल हासन ने दक्षिणी क्षेत्रों में हिंदी थोपने और परिसीमन के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की तीखी आलोचना की है। उन्होंने सरकार पर ‘HINDIA’ बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि केंद्र सरकार दक्षिणी राज्यों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है। जो संघीय सिद्धांतों के खिलाफ है। कमल हासन ने केंद्र की प्रस्तावित परिसीमन का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी फैसला गैर हिंदी भाषी राज्यों के हित में नहीं होगा।
CM एम.के. स्टालिन ने बुलाई बैठक
बता दें, आज 5मार्च को तमिलनाडु के CM एम.के. स्टालिन ने परिसीमन के मुद्दे पर राज्य के राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में मक्कल नीधि मैयम के नेता कमल हासन भी पहुंचे। इस बैठक में कमल हासन ने कहा कि केंद्र सरकार देश के संघीय ढांचे और विविधता को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र भारत के समावेशी दृष्टिकोण को खतरे में डालकर इसे ‘HINDIA’ बना रहा है।
कमल हासन ने चेतावनी दी है कि तमिल भाषा के साथ हुए खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत तीन-भाषा फार्मूले पर कहा कि केंद्र द्वारा लिया गया कोई भी फैसला गैर-हिंदी भाषी राज्यों के पक्ष में नहीं होगा। क्योंकि उनका ये फैसला संघीय सिद्धांतों के खिलाफ है।
चिंताजनक बना परिसीमन का मुद्दा
परिसीमन के मुद्दे पर कमल हासन कहते है कि ये मुद्दा सिर्फ़ तमिलनाडु के लिए ही नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे राज्यों के लिए भी चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि ‘हम एक समावेशी भारत बनाने की कल्पना करते हैं। लेकिन वे इसे ‘HINDIA’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’
कमल हासन ने आगे कहा कि ‘जो चीज़ टूटी ही नहीं है, उसे ठीक करने की कोशिश क्यों करें? एक कार्यशील लोकतंत्र को बार-बार बाधित करने की कोई जरूरत नहीं है।’