Kulbhushan Jadhav Case: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक ओर विद्रोही गुटों के द्वारा लगातार पाक सेना और उनसे जुड़े महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमले किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अज्ञात हमलावरों का खौफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को बलूचिस्तान के तुर्बत में एक ISI के हैंडलर मुफ्ती शाह मीर को अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार कर हत्या कर दी गई। शाह मीर को निशाना तब बनाया गया जब वो मस्जिद से नमाज पढ़ कर वापस लौट रहा था। गोली लगने के तुरंत बाद शाह की मौत हो गई। हालांकि, शाह पर यह पहली बार हमला नहीं हुआ। इससे पहले भी दो दफा जानलेवा हमला हो चुका था। उन दोनों मौको पर शाह मीर किसी भी तरह बच गया। शाह मीर की हत्या के पूरे पाकिस्तान में सनसनी फैल गई है। लेकिन हत्या के पीछ का कारण पता नहीं चल पाया है।
कुलभूषण जादव के अपहरण में रहा शामिल
बलूचिस्तान प्रांत में शाह मीर को ISI का सबसे भरोसेमंद खबरी माना जाता है। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया शाह को इस्लमिक विद्वान के रूप में दिखाता है। हालांकि, सच्चाई कुछ ओर ही है। पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व सैन्य अधिकारी कुलभूषण जादव को ईरान से अपहरण करके पाक सेना को सौंपने का काम शाह मीर ने ही किया था। कुलभूषण जादव को ISI ने रॉ एजेंट बताकर सालों से पाकिस्तान अपनी कैद में रखा हुआ है। कोर्ट ने भी कुलभूषण जादव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, पाक कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय सरकार ने इंटरनेशल कोर्ट का रूख किया। फिर जाकर पाकिस्तान को घुटनों पर आना पड़ा और कुलभूषण जादव की ना सिर्फ फांसी निरस्त हुई बल्कि उसके परिवार वालों भी जादव को मिलने दिया गया।
बलूचिस्तान में हालात बेकाबू
बलूचिस्तान में इस वक्त हालत बहुत ही दयनीय है। पाकिस्तानी सेना के द्वारा बलूच लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, आजाद बलूच की मांग करने वाले विद्रोही गुटों के द्वारा लगातार सैनिकों और पुलिसकर्मियों पर हमले किए जा रहे हैं। इसके अलावा बलूचिस्तान में चल रहे चीनी प्रोजेक्ट्स पर भी हमला हो रहा है। माना जा रहा है कि विद्रोही गुट में शामिल तमाम बलूच लोग अपना अलग देश की मांग कर रहे हैं। इस आवाज को दबाने के लिए भी पाकिस्तानी सेना की ओर से खूब कोशिश की जा रही है।