Ranya Rao gold smuggling case: रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। अब इस मामले में रान्या के सौतेले पिता और कर्नाटक के DGP रामचंद्र राव का नाम सामने आया है। एयरपोर्ट पर रान्या राव की मदद करने वाले कॉन्स्टेबल बसवराज ने दावा किया है कि वो ऐसा DGP रामचंद्र राव के कहने पर करते थे। बसवराव ने कहा कि उन्हें DGP ने निर्देश दिया था कि वो रान्या को बेंगलुरु के कैम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक छोड़ आए। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही रान्या राव को एयरपोर्ट से शरीर में गोल्ड स्मगल करने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। उस वक्त रान्या के पास से 12.56 करोड़ रुपये का सोना बरामद हुआ था। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें, वो लंबे समय से दुबई से बेंगलुरु अलग-अलग तरकीब अपना कर गोल्ड स्मग्ल कर रही थी।
बसवराव ने क्या किया खुलासा?
कॉन्स्टेबल बसवराव ने कहा कि वह सीधे रामचंद्र राव के आदेश का पालन कर रहे थे। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर रान्य राव को लाने-ले जाने की बंदोबस्त करने की जिम्मेदारी उन पर थी। बसवराज का कहना है कि जिस दिन रान्या को गिरफ्तार किया गया। उस दिन शाम 6.20 बजे रान्या ने उन्हें कॉल किया। रान्या कि बताया कि वह दुबई से आ रही है और मदद मांगी। जब एयरपोर्ट से रान्या रवाना हो रही थी तो उस समय बसवराज उनके साथ थे। इसके बाद ही डीआरआई ने रान्या को गिरफ्तार कर लिया था।
कैसे पकड़ी गई रान्या?
3 मार्च को दुबई से जैसे ही बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची, वैसे ही उन्हें चेकिंग के लिए साथ आने को कहा गया। दरअसल, रान्या ने 15 दिनों के भीतर दुबई चार बार चली गई थी, जिससे DRI के मन में संदेह पैदा हो गया था। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरने के बाद कॉन्स्टेबल बसवराव की मदद से उन्होंने निकलने की कोशिश की। लेकिन पहले से ही सतर्क DRI अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया और चेकिंग के लिए ले गए। जांच के दौरान अधिकारियों ने रान्या के जैकेट में छिपा विदेशी मूल का 14.2 किलोग्राम सोना बरामद किया, जिसकी किमत 12.56 करोड़ रुपये बताई गई।