RSS Bangladesh Proposal Passed: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पारित किया है। इसमें बांग्लादेश में हिंदू समाज के समर्थन में खड़े होने की अपील की गई है। संघ ने कहा कि इन हमलों को सिर्फ राजनीतिक मुद्दा बताना और इसके धार्मिक पहलू को नकारना सच्चाई से मुंह मोड़ने जैसा होगा।
संघ का कहना है कि बांग्लादेश में हिंसा के शिकार अधिकतर हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से हैं। इसलिए इस मुद्दे को गंभीरता से लेना जरूरी है। आरएसएस ने संयुक्त राष्ट्र (UN) से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
समाज को मिलकर समाधान निकालना होगा
सभा में आरएसएस ने कहा कि केवल सरकार को ज्ञापन देना या सुझाव देना पर्याप्त नहीं है। संघ हमेशा समाज की शक्ति पर भरोसा करता है। उन्होंने कहा कि जब भी समाज में कोई समस्या आए, तो पूरा समुदाय एकजुट होकर समाधान निकाले।
बांग्लादेश में हिंसा भारत विरोधी भी
संघ ने कहा कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा केवल हिंदू विरोधी नहीं, बल्कि भारत विरोधी भी है। उन्होंने दावा किया कि कुछ अंतरराष्ट्रीय ताकतें वहां हिंदू और भारतीय समुदाय के खिलाफ साजिश कर रही हैं।संघ के अनुसार, पाकिस्तान और कुछ अन्य गुप्त संगठन भी भारत-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
तीन दिन चलेगी बैठक, अहम मुद्दों पर चर्चा
बेंगलुरु में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 21मार्च को शुरू हुई। यह बैठक तीन दिन चलेगी। उद्घाटन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया। इसमें संघ से जुड़े 32संगठनों के 1480प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
बैठक में दो अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है। पहला, बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और उनके समाधान को लेकर। दूसरा, संघ की 100साल की यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर केंद्रित है।संघ ने स्पष्ट किया कि हिंदू समाज की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा के लिए संगठन हरसंभव कदम उठाएगा। साथ ही, समाज को भी इस दिशा में जागरूक करने का प्रयास करेगा।