Iranian Oil Shadow Fleet: अमेरिका ने ईरानी तेल के अवैध व्यापार पर कड़ा कदम उठाया है।इस कार्रवाई के तहत यूएई में रहने वाले एक भारतीय नागरिक और चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।इनमें से दो कंपनियां भारत में स्थित हैं।अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने गुरुवार को इसका आधिकारिक ऐलान किया।
बता दें कि, जिस भारतीय नागरिक पर कार्रवाई हुई है, उनका नाम जुग्विंदर सिंह बराड़ है।उनके पास कई शिपिंग कंपनियां हैं।इनके पास लगभग 30तेल टैंकर हैं।इनमें से कई टैंकर ईरानी ‘शैडो फ्लीट’ से जुड़े हैं।यह फ्लीट उन जहाजों का समूह होता है जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को नजरअंदाज कर ईरानी तेल को छिपकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं।
भारत की दो कंपनियां भी दायरे में
बराड़ UAE में कई कारोबार संभालते हैं। साथ ही भारत की ग्लोबल टैंकर्स प्राइवेट लिमिटेड और बी एंड पी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के मालिक भी हैं। यह दोनों कंपनियां शिपिंग और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र से जुड़ी हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेश संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने बराड़ और इन चारों कंपनियों को नामित किया है। इन पर ईरान की राष्ट्रीय तेल कंपनी (NIOC) और ईरानी सेना की ओर से संचालित टैंकरों के संचालन का आरोप है।
कैसे होता है तेल का गुप्त व्यापार?
बराड़ के जहाज ईरान, इराक, यूएई और ओमान की खाड़ी में काम करते हैं। ये टैंकर शिप-टू-शिप (STS) ट्रांसफर के जरिए एक जहाज से दूसरे जहाज में तेल डालते हैं। बाद में यह तेल तस्करों के पास पहुंचता है। वह इस तेल को दूसरे देशों के उत्पादों में मिलाकर डॉक्युमेंट्स में बदलाव करते हैं। इससे ईरान से जुड़े व्यापार को छिपा लिया जाता है। फिर यह तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच दिया जाता है।
अमेरिका की सख्त चेतावनी
ट्रेजरी विभाग के अवर सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने कहा,“ईरान अपने तेल को बेचने के लिए बराड़ जैसे बेईमान शिपरों और दलालों पर निर्भर करता है।”उन्होंने साफ किया कि अमेरिका इस तरह के अवैध व्यापार पर नजर बनाए रखेगा। साथ ही प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता रहेगा।