Union Cabinet Meeting:मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी सौगत दी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को पांच फैसले लिए गए। जिसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव ने प्रेस वार्ता करके की। अश्विणी वैष्णव ने दलहन, तिलहन और कपास पर 50%MSPबढ़ाने का ऐलान किया। इस फैसले के बाद 7 करोड़ से अधिक किसानों को फायदा मिलेगा। साथ ही किसानों को सस्ता कर्ज उपलब्ध करवाने के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम की घोषणा की गई है। आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर के बीच 108 किलोमीटर लंबे फोर-लेन हाईवे परियोजना की भी मंजूरी मिल गई है। वहीं, रतलाम-नागदा रेलवे लाइन पर चौथी लाइन बिछाने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है। महाराष्ट्र में वर्धा से बल्लारशाह रेल मार्ग को दोहरीकरण को भी मंजूरी मिल गई है।
किसानों पर सरकार मेहरबान
बुधवार को हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। साल 2025-26 के लिए धान, मक्का, तूर, मूंग, उड़द और सोयाबीन जैसी खरीफ फसलों पर 50%MSPबढ़ाने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी देते हुए वैष्णव ने कहा, “किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। पिछले 10-11 वर्षों में खरीफ फसलों के लिए MSP में भारी बढ़ोतरी की गई है। इसी कड़ी में, खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए MSP को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया है। कुल राशि लगभग 2,07,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है… हर फसल के लिए लागत के साथ 50% को ध्यान में रखा गया है।”
कैबिनेट बैठक में इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को भी मंजूरी मिल गई है। इस स्कीम के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को 2 लाख रुपये तक शॉर्ट टर्म लोम महज 4%की ब्याज दर पर दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने 15,642 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वैष्णव ने कहा, किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत तब हुई थी जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। इससे किसानों के लिए कार्यशील पूंजी प्राप्त करना बहुत आसान हो गया था…ब्याज छूट योजना के माध्यम से कार्यशील पूंजी की लागत कम हो गई है। प्रभावी रूप से, किसानों के लिए 4% ब्याज पर 2 लाख रुपये तक का ऋण/पूंजी सुनिश्चित करने पर विचार किया गया है।”
दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी
मध्य प्रदेश के रतलाम-नागदा रेलवे लाइन पर चौथी लाइन बिछाने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है। इसकी कुल लंबाई 41 किलोमीटर है, जिसकी लागत 1,108 करोड़ रुपये आएगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से जोड़ना है। इस परियोजना के पूरा होते ही बंदरगाहों से रेल संपर्क आसान हो जाएगी और माल ढुलाई में आसानी होगी। इसके साथ ही महाराष्ट्र में वर्धा से बल्लारशाह रेल मार्ग को दोहरीकरण को भी मंजूरी मिल गई है। इससे माल व यात्री यातायात में सुगमता आएगी।