कश्मीर। कश्मीरी पंडितों के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं आपका दर्द समझती हूं। मुझे इस बात का अंदाजा है कि जब वृद्ध लोगों को कश्मीर की याद आती है तो उन्हें कैसा महसूस होता होगा। मैं थोड़ी शर्मिंदा भी हूं कि इस दर्द की शुरुआत हमारे घर से हुई। हमने भी बहुत कुछ झेला है। मेरे पिता ने सोचा था कि बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के बीच संबंध बनाए रखना चाहिए। यही कारण है कि जब वह सीएम बने तो उन्होंने बहुत प्रयास किया। मैं समझती हूं कि हम सभी के लिए एक साथ रहना कितना महत्वपूर्ण है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि चाहे दिल्ली में बीजेपी की सरकार हो या कांग्रेस की, कोई भी आपको ऐसे ही उठाकर कश्मीर नहीं ले जा सकता। आपको हिम्मत करनी होगी और हम भी आपका साथ देंगे। तभी आप वापस अपने घर में बस सकते हैं। मैं चाहती हूं कि कश्मीरी पंडितों को कुछ जमीन दी जाए। मुझे लगता है कि जहां मंदिर हैं, वहां अगर कमरे बनाए जाएं तो धीरे-धीरे आपकी वापसी बढ़ेगी। अधेड़ उम्र के कश्मीरी पंडितों को जोखिम उठाकर वापस आना चाहिए। बच्चे भी आपसे मिलने आएंगे। मैं आपसे कहना चाहती हूं कि जम्मू कश्मीर के रंग आप के जाने से उड़ गए हैं।