विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि हाल ही में दीघा में आयोजित पुलिस एसोसिएशन के सम्मेलन में कई प्रतिभागियों ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा व्यक्त की।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इन पुलिस अधिकारियों ने तटस्थता बनाए रखने के मानदंडों को खत्म कर दिया है और पक्षपातपूर्ण हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने पर इन अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाया जाना चाहिए।’
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मैंने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर पक्षपातपूर्ण पुलिसकर्मियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने की मांग की है।’ भाजपा नेता ने कहा कि वर्दी पहनने वाले लोग इस तरह के सियासी बयान नहीं दे सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पुलिस ने राज्य में लोकतंत्र के अंतिम अवशेष को भी नष्ट कर दिया है।
उन्होंने दावा किया कि अधिकांश पुलिसकर्मी तृणमूल कांग्रेस सरकार को हटाना चाहते हैं। चुनाव से जुड़े कामों के लिए डेटा एंट्री ऑपरेटरों की भर्ती के मुद्दे पर अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाली वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड को कर्मियों की नियुक्ति का काम सौंपा गया है, जिन्हें टीएमसी की राजनीतिक परामर्श फर्म आई-पीएसी से लिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘डेटा एंट्री ऑपरेटरों को आदर्श रूप से पश्चिम बंगाल सरकार का स्थायी कर्मचारी होना चाहिए।’ पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने हाल ही में जिला चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एसआईआर या अन्य चुनाव संबंधी कार्यों के लिए संविदा पर रखे गए डाटा-एंट्री ऑपरेटरों और बांग्ला सहायता केंद्र के कर्मचारियों को नियुक्त न करें।
सोमवार को सीईसी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने एक वर्ष की अवधि के लिए 1,000 डाटा एंट्री ऑपरेटरों और 50 सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को नियुक्त करने के लिए प्रस्ताव हेतु अनुरोध (आरएफपी) जारी करने के लिए सीईओ की आलोचना की, और कहा कि क्षेत्रीय कार्यालयों ने हमेशा जरूरत के मुताबिक अपने खुद के संविदात्मक डाटा एंट्री कर्मियों को नियुक्त किया है।