नई दिल्ली। कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी (CPP) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी शुक्रवार को दिल्ली स्थित जवाहर भवन में नेहरू सेंटर इंडिया के लॉन्च समारोह में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ बयानबाजी को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना की।
सोनिया ने कहा- इसमें कोई शक नहीं है कि जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करना आज की सत्ता का मुख्य मकसद है। वह उन्हें (नेहरू को) सिर्फ इतिहास से मिटाना नहीं चाहती, बल्कि उनकी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक आधारों भी को कमजोर करना चाहती है, जिन पर देश खड़ा हुआ।
सोनिया ने कहा- इतने बड़े व्यक्तित्व (नेहरू) के जीवन और काम का एनालिसिस और समीक्षा होना स्वाभाविक है और ऐसा होना चाहिए भी। लेकिन उन्हें बदनाम करने, कमजोर दिखाने और उनकी बातें तोड़ने-मरोड़ने की संगठित कोशिश अस्वीकार्य है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा- नेहरू का व्यक्तित्व छोटा करने की कोशिश जारी है। उनका ऐतिहासिक बैकग्राउंड अलग रखकर उनके काम का आकलन करना अब आम होता जा रहा है। उनकी बहुमुखी विरासत खत्म करके दोबारा इतिहास लिखने की कोशिश हो रही है।
इसके बाद बीजेपी ने भी पलटवार किया। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 नेहरू लाए लेकिन वो इसे आगे संशोधित नहीं कर पाए। मगर पीएम मोदी की सरकार ने इसे संशोधित किया। उन्होंने आगे कहा कि सोनिया गांधी नेहरू की लेगेसी की बात करती हैं तो ये किस तरह की लेगेसी है।
सोनिया बोलीं- नेहरू की विरासत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश
सोनिया ने कहा- स्वतंत्रता संग्राम में नेहरू की भूमिका और स्वतंत्र भारत के शुरुआती कठिन दशकों में उनके नेतृत्व को कम दिखाने की कोशिश की जा रही है। उनकी बहुआयामी विरासत को एकतरफा तरीके से नुकसान पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा- यह प्रयास कौन कर रहा है, हम सभी जानते हैं। यह वे ताकतें हैं जो साल-दशकों से सक्रिय हैं और अब सामने आई हैं। ये उस विचारधारा से जुड़ी हैं, जिसका स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं था और न ही संविधान निर्माण में उनकी कोई भूमिका थी। बल्कि, उन्होंने संविधान का विरोध किया और उसकी प्रतियां जलाने तक की घटनाएं की थीं।
सोनिया ने कहा- यह वही विचारधारा है जिसने लंबे समय पहले नफरत का माहौल बनाया, जिसके कारण महात्मा गांधी की हत्या हुई। आज भी उस विचारधारा को मानने वाले लोग गांधी के हत्यारों का महिमामंडन करते हैं। यह विचारधारा लगातार हमारे नेताओं के मूल्यों को खारिज करती रही है।
सोनिया गांधी के बयान के बाद बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। गौरव भाटिया ने राहुल गांधी को भारतीय राजनीति का भस्मासुर कहा। उन्होंने कहा कि नेहरू की गलतियों को मोदी सरकार ने ठीक किया। उन्होंने आगे कहा कि सोनिया गांधी नेहरू की लेगेसी की बात करती हैं तो ये किस तरह की लेगेसी है। हिंदी चीनी भाई भाई का नारा नेहरू ने दिया था लेकिन नेहरू ने UN सिक्योरिटी काउंसिल की सीट चीन को दी थी।
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी को जब सरकार बुलाती है तो वो नहीं पहुंचते हैं। वे 15 अगस्त को लाल किले पर नहीं आए। CJI के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे। वे अपरिपक्व हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को नहीं पता कि किसके सामने क्या बोलना है। उन्होंने कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी, अरविंद केजरीवाल की पार्टी, तेजस्वी यादव की पार्टी को निपटा दिया।
हाल के महीनों में PM मोदी ने कई बार नेहरू की आलोचना की
31 अक्टूबर 2025 : PM मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर गुजरात में कहा कि नेहरू ने सरदार पटेल को पूरा कश्मीर भारत में मिलाने से रोका था। मोदी ने कहा- नेहरू ने कश्मीर को अलग संविधान से बांट दिया। कांग्रेस की गलती की आग में देश दशकों तक जलता रहा।
29 जुलाई 2025 : नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 102 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने नेहरू की नीतियों पर सवाल उठाए। PM ने अपने भाषण में 74 बार पाकिस्तान और 14 बार नेहरू का जिक्र किया। मोदी ने कहा- नेहरू जी भारत से निकलने वाली नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को देने राजी हो गए। इतना बड़ा हिंदुस्तान, उसे सिर्फ 20%। कोई मुझे समझाए भई, ये कौन सी बुद्धिमानी थी।

