PM Modi On Samvidhan Diwas: मंगलवार को 75वां संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा बने। इस दौरान पीएम मोदी ने भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 को भी प्रकाशित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “, “संविधान सभा की बहस के दौरान बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि संविधान महज़ एक वकील का दस्तावेज़ नहीं है। इसकी आत्मा हमेशा उम्र की भावना होती है।” बता दें, आज संसद के सेंट्रल हॉल में भी संविधान दिवस के मौके पर खास कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि बन आई थीं।
कार्यक्रम में मौजूद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, “हम जो भी निर्णय देते हैं वह एक शून्य-राशि का खेल है। कुछ लोगों से जश्न और दूसरों से आलोचना। यह द्वंद है जो अदालतों के कामकाज में जांच को आमंत्रित करता है। कुछ लोगों के लिए, भारत में संवैधानिक अदालतें सबसे शक्तिशाली हैं दुनिया में न्यायाधीशों के रूप में, दृष्टिकोण और आलोचना मायने रखती है क्योंकि हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य जनता के प्रति है और दूसरा खुला और पारदर्शी होना न्यायपालिका की सबसे बड़ी ताकत है। हम जो भी निर्णय देते हैं वह एक शून्य-राशि का खेल है। कुछ लोगों से जश्न और दूसरों से आलोचना।“
PM मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा, “आज यह आसान लगता है कि लोगों को नल का पानी मिल गया है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी केवल 3 करोड़ घरों में यह सुविधा थी। संविधान की मूल प्रति में भगवान राम, माता सीता सहित अन्य महापुरूषों की चित्र हैं। भारतीय संस्कृति का प्रतीक चित्र इसलिए हैं ताकि वे हमें मानवीय मूल्यों की याद दिला सकें। ये मानवीय मूल्य ही आज के भारत की नीतियों और निर्णयों की नींव हैं।“ पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमने देश में आपातकाल देखा है। लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का सामना हमारे संविधान ने किया है। ये संविधान की ताकत है कि आज जम्मू-कश्मीर में बाबा साहब अंबेडकर का संविधान पूरी तरह से लागू है। आज पहली बार, वहां संविधान दिवस मनाया गया है।“