Delhi Election 2025: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मिडिल क्लास के अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में चौथी बार सत्ता में आती है, तो मिडिल क्लास को टैक्स राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास को केवल ‘एटीएम’ बना दिया है। इसका मतलब है कि सरकार टैक्स तो वसूलती है, लेकिन इसके बदले कोई सुविधाएं नहीं देती।
केजरीवाल की मिडिल क्लास के लिए सात प्रमुख मांगें
केजरीवाल ने मिडिल क्लास के अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र से सात प्रमुख मांगें की हैं। उनका कहना है कि मिडिल क्लास समाज का अहम हिस्सा है और अगर यह कमजोर होता है, तो समाज की प्रगति रुक सकती है। उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास को सही सुविधाएं मिलनी चाहिए। उनकी मांगें हैं:
–शिक्षा बजट को 2% से बढ़ाकर 10% किया जाए।
–स्वास्थ्य बजट को 10% किया जाए और स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स हटाया जाए।
–आयकर छूट सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की जाए।
– जरूरी वस्तुओं पर GST खत्म किया जाए।
–वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक मजबूत रिटायरमेंट योजना बनाई जाए।
–रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट फिर से लागू की जाए।
– मिडिल क्लास को भी टैक्स राहत दी जाए, जैसे दिल्ली में मुफ्त बिजली दी जाती है।
AAP का मिडिल क्लास के लिए क्या योगदान है?
हालांकि, यह सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी ने पिछले 11 वर्षों में मिडिल क्लास के लिए क्या किया है। दिल्ली में मुफ्त बिजली और पानी जैसी योजनाओं का लाभ गरीबों को मिला है, लेकिन मिडिल क्लास को इनमें से कोई खास लाभ नहीं हुआ। इसके अलावा, मोहल्ला क्लिनिक जैसी योजनाओं का मिडिल क्लास में उपयोग कम रहा है। दिल्ली में निजी स्कूलों पर फीस कैप लगने के कारण मिडिल क्लास के परिवारों को शिक्षा में परेशानी हो रही है।