ED Action On Chhattisgarh CM’s Son: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। सोमवार को अहले सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले मामले में कई जगहों पर छापेमारी की है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई है। ED के एक्शन के बाद पूर्व सीएम बघेल के कार्यालय से प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने ED के एक्शन को राजनीति से प्रेरित बताया है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान कथित रुप से शराब घोटला सामने आया था। इस मामले में पहले भी ईडी के द्वारा कई दफा कार्रवाई की गई। अभी तक इस मामले में ED ने करीब 205 करोड़ रूपये से अधिक की संपत्ति को जब्त किया है।
15 ठिकानों पर हुई छापेमारी
सोमवार को ED ने शराब घोटाले में करीब 15 जगहों पर छापेमारी की। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे और इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों के ठिकानों पर सुबह से ही कार्रवाई की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी को पता चला है कि चैतन्य बघेल भी शराब घोटाले से उत्पन्न पैसे का प्राप्तकर्ता है। ED के अनुसार, शराब की खरीद-बिक्री में कथित धांधली के कारण प्रदेश को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। ED के द्वारा की गई छापेमारी के बाद भूपेश बघेल के कार्यालय ने प्रतिक्रिया दी है। भूपेश बघेल के आधिकारिक एक्स अकाउंट से लिखा गया, “सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।“
ED ने पहले भी लिया है एक्शन
गौरतलब है कि ED ने इस मामले में पहले भी कार्रवाई की है। साल 2024 में पूर्व IAS अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को ईडी के द्वारा जब्त कर लिया गया था। ED के अनुसार, इसकी कीमत 205.49 करोड़ रुपये थी। बता दें, छत्तीसगढ़ में साल 2017 के दौरान की में शराब घोटाले की बात सामने आई थी। शराब की खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद ये सिंडिकेट के हाथों में चली गई। ED के आरोप के अनुसार, CSMCL से जुड़े तमाम कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे। इसी कारण सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से बड़ा कमिशन कमाया। जो कमीशन की कमाई की गई उस रकम को अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे आगे बढाया।