सोनागाछी में विशेष कैंप क्यों लगा रहा चुनाव आयोग
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग एसआईआर की प्रक्रिया करा रहा है, लेकिन सोनागाछी इलाके में रहने वाली महिलाएं, जो वेश्यावृत्ति के काम में लगी हैं, उनमें से कई के पास पहचान पत्र मौजूद नहीं हैं। इनके पास साल 2002 से अपने दस्तावेज देने में मुश्किल पेश आ रही है, जो एसआईआर की प्रक्रिया में बेहद जरूरी हैं। इन महिलाओं के कल्याण के लिए काम करने वाले सामाजिक संगठनों ने चुनाव आयोग को बताया कि इन महिलाओं को अपने परिवार के बारे में भी जानकारी नहीं हैं। इनमें से कई को छोड़ दिया गया तो कई के मां-बाप हैं ही नहीं। ऐसे में इनके द्वारा पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज देना मुश्किल है। सामाजिक संगठनों की पहल पर चुनाव आयोग ने उठाया कदम
सामाजिक संगठनों की अपील पर चुनाव आयोग ने सोनागाछी इलाके में ही विशेष कैंप लगाने का फैसला किया है ताकि इन महिलाओं की समस्याओं और आशंकाओं का समाधान किया जा सके। चुनाव आयोग के अधिकारी और बीएलओ निजी तौर पर इस कैंप में शामिल होंगे और महिलाओं की समस्याओं को सुनेंगे। चुनाव आयोग से अपील करने वाले संगठनों में सोसाइटी फॉर ह्यूमन डेवलेपमेंट एंड सोशल एक्शन, उषा मल्टीपरपज कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और आमरा पदातिक जैसे संगठन शामिल हैं। सोनागाछी इलाके में वेश्यावृत्ति से जुड़ी करीब 10 हजार महिलाएं हैं, जो एसआईआर को लेकर डरी हुई हैं। पश्चिम बंगाल में एसआईआर का ड्राफ्ट 9 दिसंबर को प्रकाशित होगा और 8 जनवरी तक इस पर दावे और आपत्ति दर्ज कराई जा सकेंगी। 7 फरवरी 2026 को अंतिम सूची जारी की जाएगी।