Indoor Air Quality: दिल्ली की एयर क्वालिटी शुक्रवार को खतरनाक रूप से गंभीर श्रेणी के करीब पहुंच गयी. राजधानी के ज्यादातर निगरानी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 400 से ऊपर दर्ज किया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार शहर का ओवरऑल एक्यूआई सुबह 6 बजे 384 था, जो बहुत खराब श्रेणी में है. शहर भर के 39 निगरानी केंद्रों में से 19 ने प्रदूषण को गंभीर श्रेणी में दर्ज किया. नोएडा में स्थिति और भी खराब रही, जहां लगभग सभी केंद्रों ने एक्यूआई को गंभीर श्रेणी में दर्ज किया. सरकार द्वारा GRAP-III प्रतिबंध हटाए जाने के बमुश्किल 48 घंटे बाद दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में एयर क्वालिटी में गिरावट देखी गयी. नोएडा की एयर क्वालिटी गंभीर श्रेणी में दर्ज की गयी, जबकि ग्रेटर नोएडा (380), गाजियाबाद (351) और गुरुग्राम (318) बेहद खराब श्रेणी में बने हुए हैं. शहर में पिछले 14 दिनों से एयर क्वालिटी खराब बनी हुई है. वायु प्रदूषण से जुड़ी हृदय रोग और श्वसन स्थितियों के कारण हर साल लगभग 70 लाख लोग वायु प्रदूषण से मर जाते हैं. अकेले 2020 में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में से केवल पांच में वायु प्रदूषण से 160,000 से अधिक लोग मारे गए.
घर के अंदर वायु प्रदूषण
तुलनात्मक रूप से घर के अंदर और बाहर के वायु प्रदूषण के बीच का अंतर उतना गंभीर नहीं लगता. लेकिन रिसर्च बताती हैं कि घर के अंदर और बाहर के वायु प्रदूषण आपस में गहरे जुड़े हुए हैं. घर के अंदर और बाहर की एयर क्वालिटी के बीच संबंध को समझना, आपके स्वास्थ्य पर प्रदूषकों के प्रभाव के विरुद्ध आपका सबसे मजबूत हथियार है. आपका व्यवहार और पर्यावरण दोनों ही घर के अंदर और बाहर के प्रदूषकों के बीच परस्पर क्रिया को प्रभावित करते हैं. इसलिए घर के अंदर की हवा पर बाहरी वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी आदतों और अपने घर दोनों को बदलना महत्वपूर्ण है.
तुलनात्मक रूप से घर के अंदर और बाहर के वायु प्रदूषण के बीच का अंतर उतना गंभीर नहीं लगता. लेकिन रिसर्च बताती हैं कि घर के अंदर और बाहर के वायु प्रदूषण आपस में गहरे जुड़े हुए हैं. घर के अंदर और बाहर की एयर क्वालिटी के बीच संबंध को समझना, आपके स्वास्थ्य पर प्रदूषकों के प्रभाव के विरुद्ध आपका सबसे मजबूत हथियार है. आपका व्यवहार और पर्यावरण दोनों ही घर के अंदर और बाहर के प्रदूषकों के बीच परस्पर क्रिया को प्रभावित करते हैं. इसलिए घर के अंदर की हवा पर बाहरी वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी आदतों और अपने घर दोनों को बदलना महत्वपूर्ण है.
क्या घर के अंदर की हवा बाहर की हवा से ज्यादा प्रदूषित होती है? घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता, बाहर के वायु प्रदूषण की तुलना में ज्यादा घातक हो सकती है. क्योंकि यह आपको उन जगहों पर प्रभावित करती है जहां आप हर दिन अपना 80 फीसदी या उससे ज्यादा समय बिताते हैं. घर के अंदर आने वाला बाहरी वायु प्रदूषण अत्यधिक हाई कंसंट्रेशन तक पहुंच सकता है. एक स्टडी में पाया गया कि लोग अपने दिन का लगभग 87 प्रतिशत समय घरों या इमारतों में और 6 प्रतिशत समय बंद वाहनों में बिताते हैं. अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) की कई रिपोर्टों ने दर्शाया है कि घरों, ऑफिस और स्कूल कक्षाओं में आंतरिक वायु प्रदूषण का स्तर आमतौर पर बाहरी प्रदूषण के स्तर से 2.5 अधिक होता है और जल्दी ही बाहरी वायु प्रदूषण से दस गुना अधिक खराब हो सकता है.

