चेन्नई : अभिनेता से नेता बने विजय थलापति ने डीएमके की ओर अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए दावा किया कि टीवीके की सफल बैठकों से उसके राजनीतिक विरोधी घबरा गए हैं। विजय ने कहा कि अब वे अपना असली चेहरा दिखाने लगे हैं। नवगठित पार्टी के टीवीके के संस्थापक विजय ने सत्ताधारी डीएमके पर तमिलनाडु में ‘कमल’ (भाजपा का चुनाव चिन्ह) को खिलने देने का आरोप लगाया और कहा कि द्रविड़ पार्टी ने ‘सामान्य न्यूनतम एजेंडा’ पर लोगों को गुमराह किया है।
विजय ने कहा, ‘हमें गिराने की नाकाम साजिश के बाद टीवीके ने कांचीपुरम, पुडुचेरी और इरोड में तीन सफल जनसभाएं देखीं। जो लोग हमें चुप कराना चाहते थे, वे हमारे साथ खड़े लोगों को देखकर घबरा गए हैं।’ उन्होंने डीएमके के मुखपत्र मुरासोली में छपे एक लेख पर सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि संपादकीय लेख का मकसद टीवीके को बदनाम करना और उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना था।
मुख्यमंत्री स्टालिन का जिक्र कर विजय ने कही ये बात
अभिनेता ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा, ‘अब उनका असली चेहरा सामने आने लगा है। उनकी पार्टी के नेता, मुख्यमंत्री (एमके स्टालिन), बातें करते हैं और पत्थर फेंकते हैं, यह भूलकर कि वे आईने के सामने खड़े हैं।।’ उन्होंने कहा, ‘डीएमके ने तथाकथित सामान्य न्यूनतम एजेंडे से जनता को गुमराह किया और 1999 से 2003 तक (वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान) गुलाम बन गई। उन्होंने तमिलनाडु में कमल को खिलने दिया।’
अभिनेता ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा, ‘अब उनका असली चेहरा सामने आने लगा है। उनकी पार्टी के नेता, मुख्यमंत्री (एमके स्टालिन), बातें करते हैं और पत्थर फेंकते हैं, यह भूलकर कि वे आईने के सामने खड़े हैं।।’ उन्होंने कहा, ‘डीएमके ने तथाकथित सामान्य न्यूनतम एजेंडे से जनता को गुमराह किया और 1999 से 2003 तक (वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान) गुलाम बन गई। उन्होंने तमिलनाडु में कमल को खिलने दिया।’
तमिलनाडु के लोगों से कर दी बड़ी अपील
उन्होंने कहा कि टीवीके सदस्यों को डीएमके की बयानबाजी और एकतरफा भाषणों को नजरअंदाज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता के साथ हाथ मिलाकर उन्हें यह एहसास दिलाना चाहिए कि टीवीके ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो उनके हितों की रक्षा के लिए कोशिश करने के योग्य है।
उन्होंने कहा कि टीवीके सदस्यों को डीएमके की बयानबाजी और एकतरफा भाषणों को नजरअंदाज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता के साथ हाथ मिलाकर उन्हें यह एहसास दिलाना चाहिए कि टीवीके ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो उनके हितों की रक्षा के लिए कोशिश करने के योग्य है।
इसी साल अभिनेता विजय की करूर रैली में हुए भगदड़ हादसे के बाद डीएमके ने थलापति के आड़े हाथों लिया था। डीएमके की ओर से विजय पर पुलिस की ओर से दी गई चेतावनी को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगया गया। इस मामले में टीवीके के कुछ नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।

