Foreign Minister: एस. जयशंकर ने संसदीय समिति के समक्ष एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों (PoK) में जिन नौ आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद पाकिस्तान सरकार को 30 मिनट बाद सूचित किया था। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समिति को बताया कि भारत ने यह सुनिश्चित किया कि हमले केवल आतंकी ढांचे पर केंद्रित थे। न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिकों पर। उन्होंने कहा “हमने स्पष्ट किया था कि हमारी कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है। हमले के तुरंत बाद लगभग 30 मिनट के भीतर, हमने पाकिस्तान को सूचित किया ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और गलतफहमी से बचा जा सके।” इस बयान ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी थी। क्योंकि विपक्षी दलों ने इस सूचना के समय पर सवाल उठाए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले
पहलगाम हमले में चार आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के शिविरों को तबाह किया गया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी संसद समिति में कहा कि हमले की योजना सीमा पार से बनाई गई थी और आतंकी पाकिस्तान में बैठे मास्टरमाइंड्स के संपर्क में थे।
जयशंकर के बयान पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हमले की सूचना पहले देने से आतंकियों को भागने का मौका मिला। लेकिन, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि सूचना हमले के बाद दी गई थी। और इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ऑपरेशन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। जिसे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देने की बात कही। जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और इटली के उप प्रधानमंत्री से बातचीत कर स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को भी खारिज कर दिया।