Boycott China: भारत में एक बार फिर चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम तेज हो रही है। 2025 में भारत-चीन सीमा तनाव और आर्थिक निर्भरता को कम करने की रणनीति के तहत, भारतीय नागरिकों और व्यापारियों ने ‘बॉयकॉट चाइना’ अभियान को जोर दिया है। जानकारों की राय के अनुसार, यदि भारत पूरी तरह से चीनी उत्पादों का बहिष्कार करता है। तो इससे चीन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। विशेष रूप से, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के आयात में कमी से चीन को अरबों रुपये का नुकसान होने की आशंका है।
स्वदेशी अपनाने की अपील
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने हाल ही में एक बयान में कहा कि इस साल दीवाली और अन्य त्योहारों के मौसम में चीनी सामान के बहिष्कार से चीन को लगभग 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। CAIT ने भारतीयों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की है। ताकि स्थानीय निर्माताओं को बढ़ावा मिले और भारत आत्मनिर्भर बने।
चीनी उत्पादों की सूची और प्रभाव
भारत में कई रोजमर्रा के उत्पाद जैसे स्मार्टफोन (Xiaomi, Oppo, Vivo), पावर बैंक, ईयरफोन, और एलईडी बल्ब मुख्य रूप से चीन से आयात किए जाते हैं। इनके बहिष्कार से न केवल चीन की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि भारतीय निर्माताओं को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने का अवसर। 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से भारत में चीनी सामान के खिलाफ भावनाएं मजबूत हो रही हैं। सरकार ने भी ‘मेक इन इंडिया’ और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं के माध्यम से स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा दिया है Apple जैसी कंपनियां अब भारत में iPhone उत्पादन बढ़ा रही हैं। जिससे चीन पर निर्भरता कम होगी है।