भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के विरुद्ध अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। भारत ने इसे ‘रणनीतिक आवश्यकता’ बताया, जिससे दुनियाभर में शांति कायम रखने की कोशिशों को मजबूती मिले।
बैठक में 40 देशों के प्रतिनिधियों और यूएन अधिकारियों ने की चर्चा
इस बैठक में करीब 40 देशों के प्रतिनिधियों और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने मिलकर इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने नए तरीकों, कानूनों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने पर बात की, ताकि शांति सैनिकों पर हमला करने वालों को कड़ी सजा दी जा सके। चर्चा में यह बात भी सामने आई कि जैसे-जैसे दुनिया में अस्थिरता बढ़ रही है, शांति सैनिकों पर खतरे भी बढ़ रहे हैं। हमलों और सजा न मिलने के बीच सीधा संबंध है। इसलिए यह माना गया कि सिर्फ सजा देना ही काफी नहीं, बल्कि पहले से ही रोकथाम करने के उपाय, बेहतर रणनीतियां और सभी देशों की एकजुट राजनीतिक इच्छाशक्ति भी जरूरी है।