washington :अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में इस्राइल द्वारा गाजा में एक चर्च पर और सीरिया में किए गए हमलों को लेकर नाराज हैं। इसे लेकर ट्रंप ने इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात भी की और उनसे ‘हालात सुधारने’ को कहा है। दरअसल बीते गुरुवार को इस्राइल ने गाजा में एक कैथोलिक चर्च पर हमला किया था, जिस पर ट्रंप ने तुरंत नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही ट्रंप ने इस्राइली पीएम को फोन कर एक बयान जारी करने को कहा, जिसमें चर्च पर हमले को एक गलती बताने को कहा गया था। नेतन्याहू ने ऐसा किया भी था।
ट्रंप, इस्राइल के सीरिया पर हमले से भी खुश नहीं हैं। दरअसल बीते दिनों जब ट्रंप ने सऊदी अरब का दौरा किया था, तो उस वक्त सीरिया के नेता अहमद अल शरा ने राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात में सीरिया में स्थिरता लाने पर बात हुई थी। यही वजह रही कि इस्राइल के सीरिया पर हमले ने ट्रंप को नाराज कर दिया। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि ‘राष्ट्रपति ट्रंप के इस्राइली पीएम के साथ अच्छे संबंध हैं और दोनों लगातार संपर्क में रहते हैं, लेकिन गाजा में एक चर्च पर और सीरिया पर हमले से राष्ट्रपति अचंभित रह गए। दोनों मामलों में राष्ट्रपति ने इस्राइली पीएम से तुरंत हालात सुधारने को कहा।’ट्रंप और नेतन्याहू का आपसी रिश्ता थोड़ा जटिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका और इस्राइल भले ही करीबी सहयोगी हैं, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप और इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का आपसी रिश्ता बेहद जटिल है। दोनों के बीच ऐसा वक्त आता रहा है, जब आपसी विश्वास कम हुआ है। हालांकि इसके बावजूद दोनों नेता बीते माह ईरान के खिलाफ हमले के समय एकजुट दिखाई दिए थे। हालांकि दोनों का निजी रिश्ता कोई बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। दरअसल ट्रंप को उम्मीद थी कि नेतन्याहू के हालिया अमेरिका दौरे के समय गाजा में युद्धविराम समझौते पर सहमति बन जाएगी। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के समय ही गाजा में युद्धविराम कराने का वादा किया था। हालांकि अब तक ट्रंप इसमें सफल नहीं हुए हैं।
ट्रंप की बार-बार कोशिशों के बाद भी इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता नहीं हो पा रहा है। हालिया अमेरिका दौरे पर भी नेतन्याहू बिना कोई एलान किए ही वापस लौट गए थे, इससे भी ट्रंप खुश नहीं हैं। इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते को लेकर बातचीत जारी हैं, लेकिन कई कोशिशों के बाद भी सहमति नहीं बन पाई है।