CJI DY. Chandrachud Reaction On Worship Act: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (13दिसंबर, 2024) को देश के किसी भी मंदिर-मस्जिद से जुड़े मामलों में याचिका रजिस्टर करने पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने साफ किया कि वर्शिप एक्ट के मामलों पर अगली सुनवाई तक याचिकाएं दाखिल की जा सकती हैं, लेकिन उन्हें रजिस्टर नहीं किया जाएगा। वर्तमान में वर्शिप एक्ट के खिलाफ कुल नौ याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं।
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने वर्शिप एक्ट पर दी स्पष्टीकरण
पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ से वर्शिप एक्ट 1991और उनके 2022में दिए गए फैसलों पर सवाल पूछा गया। 2022में एक मामले की सुनवाई के दौरान, चंद्रचूड़ ने वर्शिप एक्ट को लेकर कहा था कि यह कानून धार्मिक स्थलों के चरित्र को बदलने की अनुमति नहीं देता।
13दिसंबर, 2024को इस पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए चंद्रचूड़ ने कहा कि उनकी टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान चर्चा का हिस्सा थी और इसे अंतिम निर्णय नहीं माना जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि वर्शिप एक्ट पर उनका कोई विचार नहीं हो सकता, क्योंकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, और इस पर कुछ भी कहना अनुचित होगा।
कोर्ट की चर्चाओं को अंतिम निर्णय से जोड़ना गलत
चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि कोर्ट की सुनवाई के दौरान जो चर्चाएं होती हैं, उन्हें केवल विचार विमर्श का हिस्सा माना जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जज को सच्चाई सामने लाने के लिए वकीलों से सवाल पूछने पड़ते हैं, और यह प्रक्रिया जरूरी होती है। चंद्रचूड़ ने साफ किया कि अदालत की टिप्पणियों को अंतिम निर्णय से जोड़ना गलत है। जब तक जज का अंतिम आदेश न लिखा जाए, तब तक उस टिप्पणी का कोई अधिकार नहीं होता।