Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान न करने का फैसला किया है। यह निर्णय आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और पार्टी के पुराने चुनावी रिकॉर्ड को देखते हुए लिया गया है। 1998से अब तक BJPने दिल्ली के पांच चुनावों में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, लेकिन किसी भी चुनाव में पार्टी सत्ता में नहीं आ पाई।
बता दें कि,1998और 2015में BJPके प्रदर्शन में गिरावट आई। हालांकि, 2020में पार्टी बिना CMचेहरे के चुनाव मैदान में उतरी और पहले से अधिक सीटों पर जीत हासिल की। यह BJPके लिए नए चुनावी समीकरण को अपनाने का संकेत है।
आप का हमला: CMचेहरे पर सवाल उठाए गए
आम आदमी पार्टी (आप) लगातार BJPके CMचेहरे पर सवाल उठा रही है। शुक्रवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि BJPमें आपदा आ गई है, क्योंकि देश की सबसे बड़ी पार्टी दिल्ली चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं कर पा रही है।
BJPके पुराने चुनावी अनुभव
1998में BJPने सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, लेकिन आंतरिक कलह और कमजोर चुनावी रणनीति के कारण BJPको हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस को 52सीटें मिलीं, जबकि BJPमात्र 15सीटों तक सीमित रह गई। कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री बनाया।
इसके बाद 2003में भी BJPने मदनलाल खुराना को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, लेकिन पार्टी को हार मिली। कांग्रेस को 47सीटें मिलीं, जबकि BJPकेवल 20सीटों तक सिमट गई।
2008और 2013में भी BJPका प्रदर्शन कमजोर रहा
2008में BJPने विजय कुमार मल्होत्रा को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया, लेकिन कांग्रेस ने इस चुनाव में भी जीत हासिल की। 2013के चुनाव में BJPने हर्षवर्धन को CMचेहरा बनाया, लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले के बावजूद BJPबहुमत हासिल नहीं कर पाई।
2015में किरण बेदी का फैसला भी उल्टा पड़ा
2015में BJPने किरण बेदी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया, लेकिन पार्टी की हार हुई। BJPसिर्फ 3सीटों पर सिमट गई, जबकि आप ने 67सीटों पर जीत हासिल की। किरण बेदी खुद कृष्णानगर सीट से भी हार गईं।