Tahir Hussain Got Parole: आप के पूर्व पार्षद और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से AIMIM प्रत्याशी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने ताहिर हुसैन की कस्टडी पैरोल की मंजूरी दे दी है। यानी अब विधानसभा सीट पर खुद के लिए ताहिर वोट मांग पाएंगे। हालांकि, ताहिर ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को ठुकरा दिया था। जिसके बाद उन्होंनेपुलिस हिरासत में ही चुनाव प्रचार करने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। बता दें, साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों का मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन को बनाया गया है। ताहिर के छत से पेट्रोल बम, गुलेल सहित ऐसे कई चीजें बरामद हुई थी, जिससे उसकी दंगों में संलिप्तता को प्रदर्शित करती है।
कोर्ट ने रखी ये शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने दोपहर दो बजे ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल देने का फैसला दिया था। हालांकि, इस राहत के साथ ही कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई है। कोर्ट ने 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पैरोल दी है। इस दौरान उनकी हिरासत पर जो भी खर्च होगा, उसे ताहिर हुसैन को ही वहन करना होगा। इसमें दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों का खर्च, जेल वाहन और एस्कॉर्ट वाहन का खर्च भी शामिल है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि ताहिर हुसैन सिर्फ दिन में चुनाव प्रचार कर सकते हैं और रात में उन्हें वापस जेल जाना होगा। बता दें, ताहिर हुसैन को 12 घंटे की जमानत के लिए 2.47 लाख रुपए देने होंगे, जो कि उनकी सुरक्षा पर होने वाले खर्च का हिस्सा होगा।
ताहिर के वकील ने दिया ये तर्क
सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष कहा कि ‘चुनाव प्रचार में अब सिर्फ चार-पांच दिन का ही समय बचा है, ऐसे में उन्हें पुलिस हिरासत में ही चुनाव प्रचार करने की इजाजत दे दी जाए।’ ताहिर हुसैन ने अपनी अपील में कहा कि ‘वह चुनाव प्रचार के दौरान अपने घर भी नहीं जाएंगे और होटल में ठहरेंगे।’ ताहिर हुसैन का घर मुस्तफाबाद इलाके में स्थित है, जहां दंगा हुआ था।