Traffic Jam In Mahakumbh: माघ पूर्णिमा स्नान से पहले प्रयागराज में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। प्रयागराज शहर के साथ ही आसपास के जनपदों में भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर भीषण ट्रैफिक जाम को लेकर कई वीडियो भी देखा जा सकता है, जिसमें श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अब खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अव्यवस्था को लेकर संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रयागराज और आसपास के जनपदों में तैनात वरिष्ट अधिकारियों को फटकार लगाई है। सीएम योगी के गुस्से के शिकार खासकर प्रयागराज जोन के एडीजी भानु भास्कर और एडीजी ट्रैफिक सत्यनारायण भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अबतक करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है। माना जा रहा था कि महाकुंभ में कुल 40 करोड़ श्रद्धालुओं डुबकी लगाएंगे। लेकिन संभावित आकंड़ा कुंभ खत्म होने से 15 दिनों पहले ही पार कर गई। अभी भी दो स्नान बांकी है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि करीब 10-15 करोड़ श्रद्धालु अभी भी महाकुंभ पहुंच सकते हैं। पिछले तीन-चार दिनों से प्रयागराज में करीब 1-2 करोड़ श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जिसका असर भी ट्रैफिक जाम के रुप में देखने को मिल रहा है। हालांकि, सीएम योगी के सख्ती के कारण सभी बड़े अधिकारी काम पर लग गए हैं। जिसके असर भी देखने को मिल रहा है। धीरे-धीरे ट्रैफिक व्यवस्था पटरी पर आ रही है।
अधिकारियों पर सख्त सीएम योगी
माघ पूर्णिमा से पहले लग रहे भीषण जाम को लेकर अधिकारियों के खिलाफ सीएम योगी सख्त नजर आ रहे हैं। प्रयागराज जोन के एडीजी भानु भास्कर और एडीजी ट्रैफिक सत्यनारायण को हड़काते हुए कहा कि पूरे प्रयागराज की जिम्मेदारी आप लोगों पर थी लेकिन चाहे भगदड़ का दिन हो या फिर आम दिनों की भीषण ट्रैफिक अव्यवस्था, आप लोगों ने गैर जिम्मेदाराना काम किया है। साथ ही सीएम योगी ने कहा कि जिस तरीके से आला अधिकारी के प्रमुख स्नान के दौरान मौके से नदारद रहे, उसे देखते हुए कई अधिकारियों पर सस्पेंशन की कार्रवाई बनती है।
अखिलेश यादव लगातार उठा रहे सवाल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार महाकुंभ में हो रही अव्यवस्था को लेकर इंगित करते रहे हैं। अखिलेश यादव ने माघ पूर्णिमा से पहले लग रहे ट्रैफिक जाम को लेकर भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, “जाम में फँसे लोग अपने वाहनों में क़ैद घंटों से क़ैद हैं। दैनंदिनी ज़रूरतों के लिए महिलाओं तक के लिए कोई स्थान नहीं है। जो लोग रास्तों में बेसुध हो रहे हैं, उनकी देखभाल का कोई इंतजाम नहीं है। श्रद्धालुओं के मोबाइल फ़ोन की बैटरी ख़त्म हो गयी है, जिससे उनका अपने लोगों से संपर्क टूट गया है।“
उन्होंने आगे लिखा, “संपर्क और सूचना के अभाव में लोगों में बेचैनी बढ़ गयी है। हालातों पर क़ाबू पाने के लिए कोई ज़िम्मेदार मंत्री या व्यक्ति नहीं दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री तो पूरी तरह से नाकाम साबित हो ही चुके हैं साथ ही प्रयागराज से संबंधित उपमुख्यमंत्री और कई जानेमाने मंत्रीगण नदारद हैं। जिन्हें जनता के बीच होना चाहिए था वो घरों में बैठे हैं। जो सिपाही, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी या सफ़ाईकर्मी दिनरात निष्ठापूर्वक भूखे-प्यासे डटे हैं, उनके भोजन पानी की कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही है। अधिकारी कमरों में बैठकर आदेश तो दे रहे हैं लेकिन ज़मीन पर नहीं उतर रहे हैं।“