Bihar Politics: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरु हो गया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के एक बयान ने सूबे में राजनीतिक हलचल मचा दी है। जब पत्रकारों ने लालू यादव से दिल्ली में भाजपा की जीत पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उस जीत का बिहार की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। हालांकि, भाजपा ने लालू के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में बड़े पैमाने पर जातिवाद और कुशासन था, जिससे राज्य का नाम खराब हुआ
NDA को लेकर क्या बोले लालू यादव?
लालू यादव की पार्टी के पास 243 सदस्यीय विधानसभा में सबसे अधिक सीट हैं। जब आरजेडी सुप्रीमो से कहा गया कि बिहार में NDA के नेता सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त हैं, तो उन्होंने उनकी जीत की संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक हम बिहार में हैं, वे यहां सरकार नहीं बना सकते। लोग भाजपा को जान गए हैं।’’
विजय कुमार सिन्हा ने दिया जवाब
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “लालू जी हों या नहीं हों, NDA की सत्ता में वापसी तय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को लालू जी की जरूरत नहीं है। उनके शासनकाल में बड़े पैमाने पर जातिवाद और कुशासन था, जिससे राज्य का नाम खराब हुआ और बिहारी शब्द एक तरह का कलंक बन गया।’’
लालू यादव पर जेडीयू का प्रहार
एनडीए में शामिल जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी लालू प्रसाद के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘लालू जी को याद रखना चाहिए कि एनडीए ने बिहार में उनके रहते हुए ही सत्ता हासिल की थी और उनके रहते हुए ही वह फिर से ऐसा करती रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एनडीए ने 225 सीट का लक्ष्य रखा है, जो 2010 में उसे मिली सीट से अधिक है। तब आरजेडी बुरी तरह हारी थी। लालू जी को अपनी चिंता करनी चाहिए। उनकी सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेने की उम्र हो चुकी है। उनके बेटे और उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव उनकी बात नहीं सुनते।’’