ग्रेटर नोएडा । देश में आए दिन कोई न कोई आपदा देखने को मिल रही है। बदलती जलवायु ने इसकी आवृत्ति और तीव्रता को और भी बढ़ा दिया है। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अस्पताल, ऊंची इमारतों और कारखानों में आग की स्थिति का सामना कर रहा है। नुकसान की रोकथाम के लिए अग्नि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन आवश्यक है। जब हम उच्च वृद्धि और जनसंख्या घनत्व वाले शहरी परिदृश्य का आकलन करते हैं, तो जटिलताएं बढ़ जाती हैं।
यह विचार ग्रेटर नोएडा के ओमेक्स पाम ग्रीन में “आपदा – हम तैयार हैं” नामक एक सामुदायिक सशक्तिकरण कार्यक्रम-प्रदर्शन-सह-कार्यशाला में आपदा प्रबंधन के विषय विशेषज्ञों ने व्यक्त किये। इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य ऊंची इमारतों में आग और अन्य आपदा संबंधी घटनाओं से निपटने के लिए निवासियों को अंतर्दृष्टि प्रदान करना और तैयार करना है।
इस अवसर पर आईआईएसएसएम के कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व सांसद आर. के. सिन्हा ने बताया कि आपदा कभी भी आ सकती है। उन्होंने कहा कि दुखद बात यह है कि अगर दिन के दौरान कोई आपदा आती है, तो बहुमंजिला इमारत में बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के अलावा कोई नहीं होता है। इसलिए, आईआईएसएसएम इस राष्ट्रव्यापी जागरूकता और लोगों के सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इसकी शुरुआत इस आवासीय क्षेत्र से हो रही है, जहां 1000 से अधिक फ्लैट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आईआईएसएसएम इस तरह के आयोजन करता रहेगा ताकि जन जीवन को बचाया जा सके।श्री सिन्हा ने कहा कि घटनाएं तो घटती रहती हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता। लेकिन जानमाल का नुकसान जानकारी के अभाव में होता है। आईआईएसएसएम का उद्देश्य लोगों को जानकर बनाना है। हम यह काम किसी लाभ के लिए नहीं कर रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ लक्ष्मी वी एस, आईएएस ने कहा कि प्राधिकरण आईआईएसएसएम के इस अभियान में हर संभव सहयोग करेगा।
आईआईएसएसएम के सीईओ संतोष कुमार, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति आर के सिन्हा, दिल्ली सरकार के मुख्य अग्निशमन अधिकारी एस के ढेरी, रत्ना सिन्हा समेत कई लोगों ने संबोधित किया। कार्यशाला में तीन सौ से अधिक लोगों ने भाग लिया। कार्यशाला के बाद आपदा से बचाव का प्रशिक्षण भी दिया गया।
इस एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम में आईआईएस एसएम, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, जिला प्रशासन और अग्निशमन सेवाओं, स्थानीय अस्पतालों और कई बिल्डर एसोसिएशन के सदस्यों ने भागीदारी की।
आईआईएसएसएम सुरक्षा, कौशल और सतत सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि यह हमारे नागरिकों को जागरूक करने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए बड़ी सामाजिक जिम्मेदारियों को साझा करता है। आपदा बहुत अनिश्चित होती है और अचानक भड़क उठती है। जान-माल की हानि और क्षति को रोकने के लिए लोगों को रोकथाम के बारे में जानकारी और कौशल निर्माण करना होगा और तैयार रहना होगा।