Rahul Gandhi On New EC: सोमवार को देश के नए चुनाव आयुक्त की घोषणा हो गई। राजीव कुमार के जगह ज्ञानेश कुमार अब चुनाव आयुक्त की भूमिका में दिखाई देंगे। हालांकि, ज्ञानेश कुमार के नाम पर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपनी असहमति दर्ज की है। उन्होंने कहा कि जब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है, तब आधी रात को नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन का फैसला लेना प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के लिए अपमानजनक और अशिष्ट है। गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया दो स्तरों पर होता है। पहले कानून मंत्री के द्वारा बनाए गए एक कमेटी के द्वारा पांच नाम चयनित किए जाते हैं। उसके बाद इस नामको प्रधानमंत्री के पास भेजा जाता है। प्रधानमंत्री और उनके द्वारा चयनित एक केंद्रीय मंत्री और नेता विपक्ष के द्वारा पांच में से एक नाम फाइनल किया जाता है।
राहुल गांधी ने उठाए सवाल
राहुल गांधी ने एक्स पर पत्र शेयर करते हुए लिखा, “अगले मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने के लिए हुई समिति की बैठक के दौरान मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को एक असहमति नोट प्रस्तुत किया था। इसमें कहा गया था कि कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त एक स्वतंत्र चुनाव आयोग का सबसे बुनियादी पहलू चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया है।“ साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर मोदी सरकार ने चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी को लेकर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है। विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहब आंबेडकर और हमारे राष्ट्र निर्माताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं।
कोर्ट में चल रही सुनवाई
गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त के चयन प्रक्रिया को लेकर लाए कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली रही है। ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि अगले सीईसी को चुनने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक टाल दिया जाए और इस बैठक को टाल दिया जाए। इस समिति के लिए अगले सीईसी को चुनने की अपनी प्रक्रिया को जारी रखना संस्थानों के साथ-साथ हमारे देश के संस्थापक नेताओं के लिए भी अपमानजनक और असभ्य होगा, जब इस समिति की संरचना और प्रक्रिया को चुनौती दी जा रही है और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की जाएगी।