Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरु हो गई है। बुधवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के संवोधन के दौरान आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। ऐसे में विपक्षी विधायक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सके। लेकिन विधानसभा परिसर में एंट्री को लेकर आप विधायकों ने जमकर बवाल काटा। नेता प्रतिपक्ष आतिशी का दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ बहस भी हुई। आतिशी ने भाजपा सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा विधायक रविंद्र नेगी ने AAP पर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। बता दें, गुरुवार को CAG की दूसरी रिपोर्ट विधानसभा में पेश होनी है। यह रिपोर्ट DTC बसों को लेकर है।
आतिशी ने क्या कहा?
नेता विपक्ष आतिशी को विधानसभा परिसर में ना घुसने देने के बाद AAP विधायकों ने जंकर नारेबाजी की। आतिशी विधानसभा परिसर के बाहर ही धरने पर बैठ गईं। इस दौरान उन्होंने कहा, “पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि हमें (आप विधायकों को) विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है, इसलिए हमें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। आज तक देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। यहां तक कि संसद में निलंबित होने के बाद भी गांधी प्रतिमा के नीचे विरोध प्रदर्शन हो रहा है। आखिर हमें कैसे रोका जा सकता है? हमने स्पीकर से बात करने की कोशिश की लेकिन कुछ नहीं हो रहा है।”
भाजपा ने आतिशी पर साध निशाना
AAP विधायकों के हंगामे पर भाजपा विधायक पवन शर्मा ने कहा, “10 साल में उन्होंने(AAP) दिल्ली की जनता के लिए क्या-क्या काम किए हैं उस पर वे चर्चा नहीं करना चाहते। दिल्ली की जनता ने उन्हें उनके ही कर्मों की सजा दी है। दिल्ली की जनता ने उन्हें नकार दिया है और यह तकलीफ उनसे सही नहीं जा रही है।”
इसके साथ ही दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, “विपक्ष के विधायकों द्वारा जिस तरह का व्यवहार विधानसभा में किया गया, देश में कोई भी विधानसभा इस तरह से नहीं चल सकती। 10 सालों से यहां पर दिल्ली की जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई है। हम किसी को भी ऐसी साजिश को अंजाम नहीं देने देंगे कि दिल्ली की जनता के मुद्दों पर चर्चा ना हो। आज का जो निर्णय विपक्ष के विधायकों के निलंबन का है यह अध्यक्ष का निर्णय है। मुझे लगता है कि अब AAP के लोगों को यह समझ जाना चाहिए कि वे दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा करें और सदन को गरिमापूर्ण तरीके से चलाएं।”