Gold Card vs Green Card: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने जब से सत्ता संभाली है, तब से वो कई बड़े निर्णय ले चुके हैं। इन निर्णयों का लाखों लोगों के जीवन पर सीधा असर पड़ रहा है। इस बीच बीतें दिनों ट्रंप ने अमेरिका की नागरिकता के लिए गोल्ड कार्ड वीजा की घोषणा की। इस कार्ड को पाने के लिए किसी भी व्यक्ति को 44 करोड़ रुपये देने होंगे, उनके बाद वो अमेरिका का नागरिक हो जाएगा। हालांकि, ट्रंप के इस ऐलान के बाद ग्रीन कार्ड के इंताजर में बैठे भारतीयों की चिंता बढ़ गई है। अब ऐसे में हम जानते हैं कि गोल्ड कार्ड और ग्रीन कार्ड ने अंतर क्या है? साथ ही क्या अमेरिका में नागरिकता के लिए कोई और विकल्प खुला है या नहीं?
गोल्ड कार्ड बनाम ग्रीन कार्ड
अमेरिका में निवेशकों को नागरिकता के लिए ग्रीन कार्ड को सबसे सहज माना जाता है। इसे पाने के लिए करीब 8.70 करोड़ रुपये देना पड़ता है। साथ ही अपने व्यवसाय में कम से कम 10 अमेरिकी को नौकरी देना होगा। इस कार्ड से पांच से सात वर्ष की अमेरिकी नागरिकता दी जाती है। हालांकि, ट्रंप ने ईबी-5 प्रोग्राम को फर्जी बताया है। वहीं, गोल्ड कार्ड को पाने वालों को भी ग्रीन कार्ड वाली ही सुविधा दी जाएंगी। लेकिन इसे पाने के लिए करीब 44 करोड़ रुपये देने होंगे। हालांकि, ट्रंप ने गोल्ड कार्ड को सहज और तेज प्रक्रिया बताया है। इसके साथ ही इस कार्ड लाभ सिर्फ अमीर वर्ग के लोग ही उठा सकते हैं। इसके साथ ही जैसे ग्रीन कार्ड देने का एक तय सीमा होती है वैसे गोल्ड कार्ड की संख्या की कोई सीमा नहीं होगी। माना जा रहा है कि अगले दो हफ्तों में गोल्ड कार्ड को लागू किया जा सकता है।
भारतीयों को नुकसान
गोल्ड कार्ड लागू होने के बाद सबसे अधिक फायदा अमीर निवेशकों को होगा। वहीं, मध्यम वर्गीय निवेशकों को सबसे अधिक झटका लगेगा। क्योंकि EB-5 वीजा के सहारे रहने वाले लोगों को पांच गुणा अधिक पैसा नागरिकात के लिए देना होगा। हालांकि, जो लोग गोल्ड कार्ड नहीं ले सकते हैं, उनके लिए एच-1बी, ईबी-1, ईबी-2 और ईबी-3 वीजा की सुविधा जारी रहेगी। हालांकि, इन तमाम प्रकार की वीजा लेने की प्रक्रिया लंबी और काफी मुश्किल है।