Baglihar Dam: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने पहले 1960में विश्व बैंक की मध्यस्थता के तहत सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला लिया था। वहीं अब भारत ने एक और बड़ा फैसला लिया है। भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पानी को रोक दिया है। इसके अलावा किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह की योजना बनाई जा रही है।
बता दें, भारत के इस कदम से पाकिस्तान में जल संकट की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है। इस संकट से पाकिस्तान की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का संकट पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
बगलिहार बांध के पानी पर रोक
मालूम हो कि बगलिहार बांध जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में चिनाब नदी पर स्थित एक जलविद्युत परियोजना है। जिसकी स्थापना 2009में हुई थी। इस बांध का निर्माण 1000मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए किया गया था। इस बांध के जरिए भारत को नदियों से पानी का प्रवाह नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त है।
हालांकि, पाकिस्तान ने काफी लंबे समय से इस बांध को लेकर आपत्तियां जता रहा हैं। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत ने संधि का उल्लंघन किया है। भारत इनका उपयोग राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए कर सकता है।
इन जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद लंबे समय से जारी है. बगलिहार बांध जम्मू के रामबन क्षेत्र में स्थित है, जबकि किशनगंगा बांध उत्तरी कश्मीर में है. इन बांधों के जरिए भारत को नदियों से पानी का प्रवाह नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त है, जिससे दोनों देशों के बीच जलसंसाधनों का वितरण प्रभावित हो सकता है. खासकर, पाकिस्तान ने इन बांधों पर कई बार आपत्ति जताई है, यह आरोप लगाते हुए कि भारत इनका उपयोग राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए कर सकता है.
सिंधु जल संधि को किया निलंबित
सिंधु नदी समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 1960में हुआ एक महत्वपूर्ण समझौता है। जो सिंधु नदी प्रणाली के पानी के उपयोग और प्रबंधन के लिए एक ढांचा प्रदान करता है। यह समझौता विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सिंधु नदी के पानी के उपयोग को लेकर विवादों को सुलझाना था।