Life imprisonment to Raja Kolandar: लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने खतरनाक सीरियल किलर राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन को 2000 में हुए व्यवसायी मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसके साथी बच्छराज कोल को भी उम्रकैद सजा मिली हैं। दोनों पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस दरावने मामले में नरभक्षण और खोपड़ियों का संग्रह करने की सनक ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।
दोहरे हत्याकांड का खुलासा
24 जनवरी 2000 को 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और रवि श्रीवास्तव लखनऊ से रीवा के लिए रवाना हुए थे। चारबाग रेलवे स्टेशन के पास उन्होंने छह यात्रियों, जिनमें एक महिला थी, को अपनी गाड़ी में बिठाया। उनकी आखिरी लोकेशन रायबरेली के हरचंदपुर में एक चाय की दुकान पर मिली। जब वे लापता हो गए, तो थाने में उनकी गुमशुदगी की रिर्पोट लिखवाई गई। बाद में, प्रयागराज के शंकरगढ़ जंगलों में उनके सिर कटी बॉडी मिली। पुलिस ने मार्च 2001 में चार्जशीट दाखिल की, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के कारण सुनवाई 2013 में शुरू हुई।
फार्महाउस पर भयावह खुलासा
राजा कोलंदर के अपराध तब सामने आए जब 2000 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या हुई। 18 दिसंबर को यूपी-एमपी सीमा पर रीवा के पास धीरेंद्र का सिर कटा शव मिला। जांच में पता चला कि धीरेंद्र को आखिरी बार कोलंदर के साथ बाइक पर देखा गया था। पुलिस ने कोलंदर से पूछताछ की, जहां उसने हत्या कबूल की। उसके पिपरी फार्महाउस पर छापेमारी में 14 मानव खोपड़ियां मिलीं, जिनमें कुछ जमीन में दफन थीं और कुछ पेड़ों पर लटकी थीं। चौंकाने वाली बात यह थी कि खोपड़ियों पर मृतकों के नाम और जातियां लिखी थीं। कोलंदर ने स्वीकार किया कि वह सिरों को उबालकर उनका “सूप” पीता था, यह मानते हुए कि इससे उसकी बुद्धि बढ़ेगी।