Pryagraj Mahakumbh 2025: जनवरी 2025 से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को दिव्य, भव्य बनाने में योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर तैयारी में जुटा है। महाकुंभ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी का एक उदाहरण है।
संगम में महाकुंभ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया दिखाई देने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर कोई चौंक जाएगा। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी, जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. द्वारा बसाया जा रहा है।
कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है। जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें दी गई है, जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार की जा रही है।
डोम सिटी क्यों है खास?
यह पहला अवसर होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति करेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के अनुसार 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है। जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। डोम पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ है। श्रद्धालु इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुंभ का नजारा देख सकते हैं।
लोगों के ठहरने की व्यवस्था
इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी तैयार किए जा रहे हैं। जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद है। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था रहेंगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार रखा जाएगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1 लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार है। वहीं, डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है।