Trump Warning BRICS Countries: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ब्रिक्स देशों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की बजाय किसी और मुद्रा का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें 100प्रतिशत शुल्क का सामना करना होगा।
ट्रंप ने गुरुवारको अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “अगर ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश करें और हम खड़े होकर सिर्फ देखते रहें, तो ऐसे दिन अब खत्म हो चुके हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे न तो अपनी अलग मुद्रा बनाएंगे और न ही अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे।
ब्रिक्स की स्वतंत्र मुद्रा पर ट्रंप की धमकी
ट्रंप ने धमकी भरे अंदाज में कहा, “अगर ब्रिक्स देशों ने ऐसा किया तो उन्हें 100प्रतिशत शुल्क का सामना करना पड़ेगा या फिर अमेरिकी बाजार से हाथ धोना होगा। वे कोई और मूर्ख देश ढूंढ सकते हैं, क्योंकि ब्रिक्स अमेरिकी डॉलर की जगह लेने में सक्षम नहीं है।” इस बयान से स्पष्ट होता है कि ट्रंप ब्रिक्स देशों की स्वतंत्र मुद्रा योजना के सख्त खिलाफ हैं।
ब्रिक्स संगठन में कौन-कौन देश हैं?
ब्रिक्स संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। यह एक अंतर-सरकारी समूह है, जिसकी स्थापना 2009में हुई थी और अमेरिका इसका हिस्सा नहीं है।
भारत का डी-डॉलराइजेशन पर रुख
हाल के वर्षों में ब्रिक्स के कुछ सदस्य, खासकर रूस और चीन, अमेरिकी डॉलर के विकल्प के रूप में ब्रिक्स की अपनी मुद्रा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर दिया है।भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिसंबर में कहा था कि भारत कभी भी ‘डी-डॉलराइजेशन’ का समर्थन नहीं करता और ब्रिक्स मुद्रा बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।