Canada PM Carney On Donald Trump: कनाडा के मार्क कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेता चुने जाने के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया है। इसी के साथ जस्टिन ट्रूडो के दौर का भी अंत हो गया है। कार्नी हमेशा से भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने के पक्षधर रहे हैं। लेकिन उन्होंने पदभार ग्रहण करने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर कड़ा रूख अपनाया है। उन्होंने कहा कि कनाडा कभी भी, किसी भी तरह, आकार या रूप में, संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा को संयुक्त अमेरिका का हिस्सा करार दिया था। साथ ही उन्होंने तत्कालिन प्रधानमंत्री ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर कहा था। गौरतलब है कि भारी विरोध के बाद ट्रूडो को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। कनाडा में इसी साल आम चुनाव भी होने हैं।
टैरिफ पर भी बरसे कार्नी
ट्रंप की सरकार बनने के बाद दुनियाभर पर टैरिफ का खतरा मंडराया हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कनाडा पर करीब 25 फिसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। ट्रंप के इस फैसले पर कार्नी ने कहा कि अमेरिका की तरफ से मिल रही टैरिफ की धमकियों पर कहा कि टैरिफ का सामना करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। साथ ही उन्होंने कनाडाई वस्तुओं को लगाए जा गए अमेरिकी टैरिफ को अनुचित करार दिया। कार्नी ने कहा कि ट्रंप शासन कनाडा की जनरेशन के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। हालांकि, कार्नी ने उम्मीद जताई है कि एक दिन दोनों देश साथ में मिकलर काम कर सकेंगे। माना जा रहा है कि कनाडाई अधिकारी दोनों देशों के प्रमुख की बैठक करने की तैयारी कर रहे हैं।
ट्रंप के आने के बाद बिगड़े रिश्तें
गौरतलब है कि अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद कनाडा के साथ रिश्तों में तल्खी आई। ट्रंप ने कनाडा को संयुक्त अमेरिका का हिस्सा करार दिया था। साथ ही उन्होंने कनाडा को अपनी स्वतंत्रता त्याग कर अमेरिका का 51वां राज्य बनने की पेशकश दी है। वहीं, कनाडा को लेकर ट्रंप ने ट्रेड वार की भी शुरुवात कर दी है। हालांकि, कनाडा ने भी ट्रंप के टैरिफ वार पर पलटवार किया है। तो वहीं कनाडा के नए पीएम कार्नी वैश्विक गठबंधन बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। अगले हफ्ते कर्नी लंदर और फ्रांस के दौरे पर जाने वाले हैं। इस दौरे के दौरान वो व्यापार और सुरक्षा को लेकर चर्चा कर सकते हैं। बता दें, इस समय कनाडा की आर्थिक स्थिति दयनीय बनी हुई है। कार्नी के सामने चुनाव से पहले कनाडा की आर्थिक स्थिति को ठीक करने की बड़ी चुनौती है।