केरल। केरल में अभिनेता दिलीप के मामले में अब बयानबाजी तेज हो गई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने यूडीएफ संयोजक अदूर प्रकाश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी की नीती महिलाओं के खिलाफ है। इसके साथ ही कहा कि सरकार पीड़िता के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा, “यह नेता और जिस पार्टी का वह प्रतिनिधित्व कर रहे हैं यह बिल्कुल स्पष्ट है कि उनकी महिलाओं के खिलाफ नीति है, और यह स्वीकार्य नहीं है। यह पार्टी की नीति और दृष्टिकोण भी है। सरकार लगातार पीड़ित लड़की के साथ खड़ी है।” बता दे कि वीना की यह टिप्पणी केरल की एक निचली अदालत के फैसले के बाद आई है। दरअसल, 2017 के एक मामले में प्रमुख मलयालम अभिनेता और आठवें आरोपी दिलीप को बरी कर दिया गया है। फैसले के अनुसार दिलीप को हमले की साजिश रचने के आरोप में निर्दोष पाया गया है।
अभिनेत्रा ने आभार व्यक्त किया
बरी होने पर अभिनेत्रा ने अपने परिवार, समर्थकों और कानूनी टीम के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया है। वहीं केरल सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। केरल के कानून मंत्री पी. राजीव ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ अपील के मामले पर चर्चा की है और अभिनेत्री को समर्थन दिया है।
राज्य सरकार बचाव पक्ष के साथ – पी. राजीव
पी. राजीव ने फेसबुक पर लिखा, “राज्य सरकार ने अभिनेत्री पर हमले के मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। इस मामले पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। सरकार बचाव पक्ष के साथ है।” इस बीच, दिलीप के वकील बी रमन पिल्लई ने सोमवार को अपने मुवक्किल के खिलाफ सबूतों को फर्जी करार दिया और मामले को अभिनेता के खिलाफ षड्यंत्र बताया। एएनआई से बात करते हुए पिल्लई ने कहा कि अदालत ने दिलीप को बरी कर दिया क्योंकि बचाव पक्ष ने साबित कर दिया कि मामले में सबूत गढ़े हुए थे।
क्या है पूरा मामला
मलयालम अभिनेता दिलीप पर इस अपराध की साजिश रचने और एक गिरोह को इसकी जिम्मेदारी सौंपने का आरोप लगाया गया था। यह मामला मलयालम, तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम करने वाली एक अभिनेत्री से जुड़ा था, जिसे 17 फरवरी, 2017 की रात को कुछ पुरुषों ने उसकी कार में जबरन घुसकर कथित तौर पर अगवा कर लिया और उसके साथ छेड़छाड़ की

