कर्नाटक। कर्नाटक में तमाम कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि सिद्धारमैया सरकार में सब ठीक चल रहा है। खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी कह चुके हैं कि नेतृत्व परिवर्तन पर कांग्रेस आलाकमान के फैसले का पालन होगा। हालांकि, इन दावों के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और कुछ मंत्रियों समेत 30 से ज्यादा कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार देर रात रात्रि भोज के लिए मुलाकात की।
हालांकि नेता इसे एक अनौपचारिक रात्रि भोज बैठक बता रहे हैं। इसके बाद एक बार फिर उन तमाम अटकलों को बल मिल गया है, जिनमें सत्तारूढ़ पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही सत्ता की खींचतान का दावा किया गया था।
बीते महीने 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा किया था। उससे पहले ही कर्नाटक में मुख्यमंत्री के बदले जाने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। ऐसा माना जाता है कि 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच एक समझौता हुआ था।
इस समझौते के मुताबिक दोनों नेताओं को ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री के पद पर बैठने का मौका मिलेगा। इसे लेकर बीते महीने दोनों नेताओं के बीच काफी जुबानी जंग देखने को मिली। दोनों नेताओं के समर्थक भी सियासी तीर चलाने में पीछे नहीं रहे।
हालांकि, इन सियासी हालातों को भांपते हुए शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व सक्रिय हो गया। कांग्रेस आलाकमान की ओर से मिले निर्देश के बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ने एक-दूसरे के आवास पर नाश्ते पर मुलाकात की। इसे दोनों के बीच नेतृत्व की खींचतान को विराम देने और विशेष रूप से बेलगावी विधानसभा सत्र से पहले सिद्धारमैया को फिलहाल मुख्यमंत्री के पद पर बनाए रखने का संकेत माना गया।

