असम। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार कहा है कि असम में वोट योजनाओं या पैसों से नहीं, बल्कि विचारधारा और सोच से तय होते हैं। उन्होंने कहा- चाहे वे 10 हजार रुपए दें या 1 लाख, मुस्लिम वोटर उन्हें वोट नहीं देंगे।
सरमा दिल्ली में एक निजी मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या उनके पास बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह कोई योजना है, जिसमें महिलाओं को सीधे पैसे दिए जाते हैं, जैसे महिला रोजगार योजना में 21 लाख महिलाओं को 10,000 रुपए मिलते हैं।
सरमा ने उदाहरण देते हुए कहा- एक मुस्लिम वोटर ने मेरे काम की तारीफ की। जिन्हें हम मियां मुसलमान कहते हैं। उसने कहा कि जरूरत पड़ी तो किडनी भी दे देगा, लेकिन वोट नहीं देगा।
CM सरमा की 3 बड़ी बाते…
- असम में अवैध आबादी बढ़ रही है और मुस्लिम लोग बढ़ रहे हैं, जो राज्य के लिए समस्या है। 2021 में मुस्लिम आबादी 38% थी और 2027 में यह 40% तक पहुँच सकती है।
- 1961 से मुस्लिम आबादी हर दस साल में 4–5% बढ़ रही है। अगर यह 50% से ज्यादा हो गई, तो बाकी लोग मुश्किल में पड़ सकते हैं। इससे असम की पहचान खतरे में है।
- मियां मुसलमान और मुस्लिम महिलाएं हमसे अच्छे संबंध रखते हैं, लेकिन हमें वोट नहीं देंगे। अगर मुस्लिम वोटर सारे वोट कांग्रेस को भी दें, तो भी हमारी सरकार जीत जाएगी।
हिमंत के पिछले 3 बड़े बयान
6 नवंबर- हिंदू एक हैं तो सेफ हैं
सरमा ने 6 नवंबर को बिहार के पूर्णिया में कहा था कि पूर्णिया में मां पुरण देवी और काली मंदिर के साथ-साथ मां कामाख्या का भी मंदिर है। मैं जहां से आया हूं, उस असम के गुवाहाटी में भी मां कामाख्या का प्रसिद्ध मंदिर है। असम, लखनऊ या कसबा हो, हर जगह हिंदू एक हैं। गर्व से कहिए हम हिंदू हैं। मोदी जी का नारा घर-घर पहुंच गया है, हिंदू एक है तो सेफ है
5 नवंबर-राहुल घुसपैठियों के वोट से प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं
सरमा ने 5 नवंबर को बिहार के कटिहार में कहा था कि राहुल गांधी घुसपैठियों के वोट से प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्हें भारत नहीं, बांग्लादेश जाना चाहिए। सरमा ने स्पष्ट किया कि भारत में घुसपैठियों को कभी भी वोट देने का अधिकार नहीं मिलेगा।
असम में 2026 में विधानसभा चुनाव
असम में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। असम विधानसभा में कुल 126 सीटें हैं और इन सभी पर चुनाव होंगे। 2021 के चुनाव में भाजपा‑नेता हिमंता बिस्वा सरमा की पार्टी और उसके सहयोगी एनडीए ने 75 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जबकि कांग्रेस‑मिले हुए विपक्ष को लगभग 50 सीटें मिली थीं और बाकी छोटी पार्टियाँ थीं। इन नतीजों के बाद सरमा मुख्यमंत्री बने। अब 2026 में सभी 126 सीटों के लिए फिर से जनता मतदान करेगी और पार्टियां जीत‑हार के लिए तैयारी कर रही हैं।

