Army Chief On LAC: देश की सीमाओं और सुरक्षा को लेकर भारत की सेना प्रमुख ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने चीन, पाकिस्तान, म्यांमार सीमा और कश्मीर पर सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने PC के दौरान जोर देकर कहा कि मैं इस बात का समर्थक हू कि मास मीडिया और सुरक्षाबलों में राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक साथ आने की बहुत पोटेंशियल है। सेना प्रमुख ने कहा कि मेरा मिशन है कि मैं पूरी स्पेक्ट्रम तैयारियां सुनिश्चित करूं और भारतीय सेना को एक आत्मनिर्भर भविष्य के लिए तैयार करूं, ताकि वह राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र में एक प्रासंगिक और प्रमुख स्तंभ बन सके, जो राष्ट्र निर्माण में भी सार्थक योगदान दे।
एएलसी को लेकर सेना प्रमुख ने यह कहा
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि एलएसी पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है। अक्तूबर में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में स्थिति सुलझ गई। इन पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। मैंने सभी सह-कमांडरों को जमीनी स्तर पर संवेदनशील मुद्दों को संभालने के लिए कहा है। ताकि इन्हें सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सके। एलएसी पर हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। उत्तरी सीमाओं के लिए फोकस क्षमता विकास कार्यक्रम ने युद्ध लड़ने की प्रणाली में तकनीक को सक्षम किया।
पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकवादी पाकिस्तानी थे: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे। आज घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80 फीसदी या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। नियंत्रण रेखा पर डीजीएमओ के बीच सहमति के बाद फरवरी 2021 से प्रभावी संघर्ष विराम जारी है। हालांकि आतंकी ढांचा बरकरार है। आईबी सेक्टर से घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। हाल ही में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है। जबकि हिंसा के मानदंड नियंत्रण में हैं। हमने इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को देखा। साथ ही शांतिपूर्ण चुनाव होना एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। आतंकवाद से पर्यटन की थीम धीरे-धीरे आकार ले रही है।