Manipur Kangpokpi Violence: इस समय मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हो रखा है। लेकिन बावजूद इसके राज्य में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। आज शनिवार को कांगपोकपी जिले में एक बाद फिर तनाव की स्थिति पैदा हो गई। बताया जा रहा है कि कांगपोकपी कस्बे में जिला कलेक्टर के कार्यालय पर हमले किया गया। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8मार्च से राज्य भर में मुक्त आवागमन का निर्देश जारी कर दिया है।
एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर राजमार्ग) पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर प्रदर्शन किया। इसके अलावा राज्य सरकार के वाहनों की आवाजाही को रोकने की कोशिश की। वहीं, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। लेकिन इलाके में अभी भी भारी तनाव बना हुआ है।
मणिपुर के पश्चिमी इंफाल में हमला
बता दें, इस घटना के दो दिन पहले ही मणिपुर के पश्चिमी इंफाल के एक गांव में उग्रवादियों के हमले की खबर सामने आई थी। कुछ उग्रवादियों ने राज्य के कदंगबंद इलाके में हमला किया था। बताया जाता है कि उग्रवादियों ने कंगपोकपी जिले में अपने पहाड़ी ठिकानों से अत्याधुनिक हथियारों से पहले फायरिंग की।
सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी
बता दें, 09फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। जिसके चार दिन बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। गौरतलब है कि बीते पिछले डेढ़ साल से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कुछ ही दिनों में सुरक्षा बलों ने 30से ज्यादा उग्रवादियों को गिरफ्तार किया हैं।
सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के पास से कई बड़े हथियारों और विस्फोटक बरामद किए हैं। सुरक्षा बलों के अधिकारियों की मानें तो उन्होंने कई जिलों में अलग-अलग अभियान चलाए। इस दौरान उन्होंने एचके राइफल, इंसास राइफल और एके-सीरीज राइफल जैसे कई हथियार जब्त किए। इसके अलावा सुरक्षा बलों को एक ठिकाने से IED का एक भंडार बरामद हुआ।