नई दिल्ली। भारत एफएटीएफ के समक्ष पाकिस्तान को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण रोधी नियमों का पालन करने में विफल रहने के कारण उसे अपनी “ग्रे सूची” में वापस लाने के लिए मजबूत मामला रखेगा। एक सरकारी सूत्र यह जानकारी दी है।
जो देश धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और प्रसार वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अपने शासन में रणनीतिक कमियों को दूर करने में विफल रहते हैं, और जिन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है, उन्हें एफएटीएफ की ग्रे सूची में रखा जाता है।
जब एफएटीएफ किसी क्षेत्र को को बढ़ी हुई निगरानी के अधीन रखता है, तो इसका अर्थ है कि उस देश ने निर्धारित समय-सीमा के भीतर पहचानी गई रणनीतिक कमियों को शीघ्रता से हल करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है और अब उस पर बढ़ी हुई निगरानी लागू होगी।
एफएटीएफ, जो एक निर्णय लेने वाली संस्था है की पूर्ण बैठक साल में तीन बार- फरवरी, जून और अक्तूबर में होती है। 2018 में पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए एक कार्ययोजना दी थी। इसके बाद 2022 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को इस सूची से हटा दिया था। भारत ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान को आईएमएफ के बेलआउट पैकेज की किश्त जारी करने का विरोध किया था।