Trump On Panama River Canal: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनते ही दुनिया के कई देशों में असर देखने को मिल रहा है। कनाडा, चीन और मेक्सिको पर टैरिफ वार के बाद अब अमेरिकी प्रशासन ने पनामा को लताड़ लगाई है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल से मुलाकात की। अमेरिका में नई सरकार के गठन के बाद दोनों देश पहली बार आमने सामने बैठे। लेकिन पहली बैठक में ही अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी मंशा साफ कर दी। उन्होंने स्पष्ट रुप से पनामा के राष्ट्रपति को कहा कि मध्य अमेरिकी सहयोगी को पनामा नहर क्षेत्र पर चीन के प्रभाव को तुरंत कम करना चाहिए, नहीं तो अमेरिकी प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगी। बता दें, अपने चुनाव अभियान के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर परियोजना के मुद्दे को जोर शोर से उठाया था।
पनामा के राष्ट्रपति ने अमेरिका से सामने रखा प्रस्ताव
पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने अमेरिका के मन में चीन को लेकर चिंता पर एक प्रस्ताव रखा है। उन्होंने इस मामले में तकनीकी स्तर पर बातचीत करने की पेशकश की है। साथ ही मुलिनो ने अमेरिकी विदेश मंत्री को साफ कर दिया है कि पनामा नहर के स्वामित्व को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी। ‘मैं नहर के बारे में बातचीत नहीं कर सकता या बातचीत की प्रक्रिया भी शुरू नहीं कर सकता। यह सील है, नहर पनामा की है।’ बता दें, ट्रंप ने पनामा नहर को अपने अंडर लेने की बात कही थी। जिससे पनामा के लोग खासे नाराज थे। यही कारण है कि रविवार को पनामा शहर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री रुबियो केखिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। लोगों ने दोनों ही नेताओं के पुतले भी जलाए।
बातचीत के लिए तैयार हो सकता है पनामा
अमेरिकी विदेश मंत्री के पनामा दौरे से पहले मुलिनो ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि रुबियो की यात्रा प्रवास और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने जैसे साझा हितों पर केंद्रित होगी। नहर के स्वामित्व पर किसी भी बातचीत से मुलिनो के इनकार के बावजूद, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पनामा एक समझौते के लिए तैयार हो सकता है, जिसके तहत दोनों तरफ नहरों का संचालन हांगकांग स्थित हचीसन पोर्ट्स कंपनी से ले लिया जाएगा। गौरतलब है कि पनामा नहर दुनिया के लिए इंजीनियरिंग का नायाब उदाहरण है। साल 1904 में इसका निर्माण किया गया था। उस समय अमेरिका ने ही अरबों डॉलर पैसे देकर इसका निर्णाण करवाया था। यही कारण है कि ट्रंप इस नहर पर अपना दावा ठोक रहे हैं।