नई दिल्ली। चीन में उत्पीड़न का सामना करने वाली अरुणाचल प्रदेश की महिला ने शंघाई हवाई अड्डे की घटना के बाद ट्रोल्स पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार जो भी कदम उठाती है, वह केवल मेरे हित में नहीं, सभी भारतीयों के हित में है। अपने इस जवाब से उन्होंने सभी भारतीयों में एकता का संदेश दिया।
उन्होंने मंगलवार रात को उनका समर्थन करने वाले लोगों का आभार जताते हुए एक पोस्ट साझा की। इस पोस्ट में उन लोगों के लिए भी एक संदेश था, जिन्होंने शंघाई मामले पर कथित तौर पर भारतीय महिला को ट्रोल करने की कोशिश की थी। थोंगडोक ने एक्स पर लिखा, ‘मैं इस कूटनीतिक मुद्दे के समर्थन में बोलने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं एक्स पर सक्रिय नहीं हूं, ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं वित्तीय सेवाओं में एक बहुत ही हाई-प्रोफाइल पद पर कार्यरत हूं। मेरे पास ट्रोल्स को जवाब देने के लिए खाली समय नहीं है।’
महिला ने कहा कि सही लोग उसकी बात समझते हैं और जो लोग इसे नहीं समझते, वे वैसे भी ऐसे लोग नहीं हैं जिनसे वह बात करना चाहती हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीयों को एकजुट होकर एक-दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं भारत में रहती भी नहीं हूं, इसलिए भारत सरकार का कोई भी कदम मेरे लिए नहीं, बल्कि यहां रहने वाले मेरे साथी भारतीयों और अरुणाचलवासियों के लाभ और गौरव के लिए होगा।’
पेमा वांग थोंगडोक ने शंघाई की घटना को भारत की संप्रभुता का सीधा अपमान बताया था। उन्होंने बताया कि चीनी अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को अमान्य घोषित कर दिया। इमिग्रेशन डेस्क पर उन्हें बताया गया कि उनका भारतीय पासपोर्ट मान्य नहीं है, क्योंकि उनका जन्म अरुणाचल प्रदेश में हुआ था।
उन्होंने बताया कि उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और वैध वीजा होने के बावजूद उन्हें जापान जाने वाली उड़ान में चढ़ने नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस ने उनका मजाक उड़ाया और यहां तक कहा कि उन्हें चीन के पासपोर्ट के लिए आवेदन करना चाहिए।
भारत सरकार की चीन को दो टूक
इस घटना पर भारत सरकार ने मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के बयानों को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। चीन की किसी भी तरह की टिप्पणी या इनकार इससे जुड़ी सच्चाई को बदल नहीं सकता।
भारत ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ एक यात्री से जुड़ी परेशानी नहीं है, बल्कि इसकी पृष्ठभूमि में चीन का अरुणाचल प्रदेश पर लगातार विवाद खड़ा करने का रवैया भी जुड़ा है। उन्होंने पुष्टि की कि भारत ने बीजिंग और नई दिल्ली दोनों ही जगहों पर चीन के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

