वॉशिंगटन। अमेरिकी प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने व्यापारिक बाधाओं और आव्रजन नीतियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे भारत–अमेरिका आर्थिक संबंध और लोगों के बीच संपर्क प्रभावित हो रहे हैं। वह विदेश मामलों की संसदीय समिति और उसकी दक्षिण एवं मध्य एशिया उपसमिति की सुनवाई में बोल रही थीं, जिसका विषय ‘अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी: एक मुक्त और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना’ था।
व्यापार से जुड़ी इन चिंताओं के साथ ही जयपाल ने हाल की आव्रजन नीतियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) ने कानूनी तरीकों से होने वाले आव्रजन को लगभग बंद करके लोगों के बीच संपर्क को नुकसान पहुंचाया है। यह उस भेदभावपूर्ण कोटा प्रणाली की याद दिलाता है, जिसने पहले भी भारतीयों के लिए अमेरिका आना बेहद कठिन बना दिया था।
यह बात उन्होंने व्हाइट हाउस की एक बैठक में कही, जहां उन्होंने अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की सहायता योजना की घोषणा भी की। बैठक में कई अमेरिकी किसानों ने शिकायत की कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड से आने वाला सस्ता चावल घरेलू कीमतें गिरा रहा है। ट्रंप ने पूछा कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ क्यों नहीं लगाए गए और कहा कि वह इस मुद्दे को देखेंगे। इससे संकेत मिला कि नए टैरिफ जल्द लगाए जा सकते हैं।
ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय में दिया, जब 10–11 दिसंबर को एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत में मौजूद था। दोनों देशों के बीच लंबे समय से बाजार तक पहुंच और शुल्क को लेकर वार्ता मतभेदों में उलझी हुई है। अगस्त 2025 में अमेरिका ने अधिकांश भारतीय सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया था, जब रूसी तेल खरीदने को लेकर तनाव बढ़ा था।

